केंद्र सरकार ने जनगणना 2027 (Census 2027) के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है। यह जनगणना दो चरणों में कराई जाएगी और पहली बार यह प्रक्रिया डिजिटल माध्यम से संपन्न होगी। खास बात यह है कि इस बार जातीय जनगणना (Caste Census) को भी इसमें शामिल किया गया है।
- ✅ पहला चरण: 1 फरवरी 2027 तक पूरा किया जाएगा
- ✅ दूसरा चरण: 31 फरवरी 2027 तक समाप्त होगा
- 🏁 इस बार पूरे देश में दो चरणों में जनगणना कराई जाएगी
जनगणना किसी देश की आबादी, सामाजिक ढांचे और संसाधनों के वितरण को समझने का सबसे बड़ा साधन होती है। इससे सरकार को भविष्य की योजनाएं बनाने और संसाधनों का सही तरीके से वितरण करने में मदद मिलती है।
सरकार की घोषणा के अनुसार इस बार मोबाइल ऐप, टैबलेट और डिजिटल डेटा कलेक्शन का उपयोग किया जाएगा। लगभग 35 लाख कर्मचारियों को इस कार्य में लगाया जाएगा और यह पूरी प्रक्रिया 16 भाषाओं में संचालित की जाएगी।
जनगणना में लोगों से 31 से अधिक सवाल पूछे जाएंगे, जिनमें शामिल होंगे:
- नाम, उम्र, लिंग
- शिक्षा और रोजगार की स्थिति
- घर का प्रकार और निर्माण सामग्री
- पेयजल, बिजली और इंटरनेट सुविधा
- शौचालय और रसोई की उपलब्धता
- जाति, धर्म और भाषा
- कितने सदस्य किस कक्षा में पढ़ रहे हैं
- किस प्रकार का अनाज खाते हैं
- दीवार, छत और फर्श किस चीज़ से बनी है
इस बार की जनगणना में सरकार ने साफ किया है कि जातीय जनगणना भी साथ में करवाई जाएगी। SC/ST की गिनती पहले भी होती थी, लेकिन इस बार OBC जातियों की भी गिनती सुनिश्चित करने की बात की गई है। इसके लिए सरकार सभी राज्यों और पार्टियों से सहमति प्रक्रिया पूरी करेगी।
आपको बता दें कि साल 2021 में कोरोना महामारी (COVID-19) की वजह से भारत में जनगणना नहीं हो सकी थी। यह पहला मौका था जब जनगणना टालनी पड़ी थी। अब 2027 की जनगणना के साथ सरकार पिछले दशक के बदलावों को भी समझना चाहती है।
जनगणना 2027 भारत के लिए एक ऐतिहासिक जनगणना साबित होने जा रही है, जिसमें तकनीक, पारदर्शिता और जातीय आंकड़ों का समावेश देखने को मिलेगा। नागरिकों से अपील है कि वे इस प्रक्रिया में सही जानकारी दें और राष्ट्रीय योजना निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।