राजस्थान सरकार ने बेरोजगार युवाओं के लिए “बेरोजगारी भत्ता योजना” का दायरा बढ़ाते हुए स्नातक डिग्रीधारकों को नई राहत दी है। इस योजना के तहत योग्य महिला उम्मीदवारों को प्रतिमाह ₹ 4,500 और पुरुष उम्मीदवारों को ₹ 4,000 की सीधी आर्थिक मदद उनके बैंक खाते में ट्रांसफ़र की जाएगी।
साथ ही, तीन माह का निशुल्क कौशल‑प्रशिक्षण और प्रतिदिन चार‑घंटे की इंटर्नशिप भी दी जाएगी, जिससे अभ्यर्थियों को व्यावहारिक अनुभव मिल सके और वे सरकारी या निजी क्षेत्र में रोज़गार हासिल करने के लिए बेहतर तैयार हों।
योजना का मक़सद बढ़ती बेरोज़गारी दर को कम करना और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार मानती है कि केवल डिग्री होना काफी नहीं; प्रासंगिक कौशल और ऑन‑द‑जॉब ट्रेनिंग ही नौकरी के अवसर बढ़ाते हैं। इसलिए वित्तीय सहायता के साथ‑साथ प्रशिक्षण को भी अनिवार्य रखा गया है। अधिकतम दो वर्ष तक भत्ता पाने वाले अभ्यर्थी प्रशिक्षण पूरा कर लेने के बाद अपने चुने हुए क्षेत्र में नौकरी ढूंढने के लिए अपेक्षित दक्षता हासिल कर लेंगे।
पात्रता शर्तें स्पष्ट हैं: आवेदक राजस्थान का स्थायी निवासी हो, किसी मान्यता‑प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक या समकक्ष डिप्लोमा पास कर चुका हो, आयु सामान्य श्रेणी में 30 वर्ष (आरक्षित वर्गों के लिए 35 वर्ष) से अधिक न हो, परिवार की वार्षिक आय ₹ 2 लाख से कम हो, और वर्तमान में किसी भी प्रकार का रोजगार न रखता हो। आवेदन के दौरान आधार कार्ड, जन‑आधार कार्ड, आय प्रमाण‑पत्र, बैंक खाता विवरण, तथा शैक्षणिक प्रमाणपत्र ऑनलाइन अपलोड करना अनिवार्य है—क्योंकि भत्ते की राशि सीधे उसी बैंक खाते में भेजी जाएगी।
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया सरल रखी गई है। सबसे पहले अभ्यर्थी को राज SSO पोर्टल पर वन‑टाइम रजिस्ट्रेशन करना होगा। लॉग‑इन क्रेडेंशियल प्राप्त होने के बाद, आवेदन‑फॉर्म भरकर सभी आवश्यक विवरण व दस्तावेज़ सही‑सही दर्ज करने हैं। त्रुटि मिलने पर दावा अस्वीकृत हो सकता है, इसलिए फॉर्म जमा करने से पहले पूरी जानकारी दोबारा जाँच लें। सफल सबमिट के बाद प्राप्त आवेदन क्रमांक या पीडीएफ पावती भविष्य के संदर्भ के लिए सुरक्षित रखना चाहिए।
सरकार का विश्वास है कि मासिक आर्थिक सहायता और अनिवार्य कौशल‑प्रशिक्षण का यह संयोजन युवाओं को शीघ्र ही रोजगार दिलाने में सहायक सिद्ध होगा, तथा राज्य की समग्र आर्थिक‑सामाजिक स्थिति में सकारात्मक बदलाव लाएगा।